लेखनी प्रतियोगिता -07-Jul-2022# काला साया
नही प्लीज, सौरभ ऐसा मत करो।मै तुम्हारे हाथ जोड़ती हूँ ।इस इस तरह से मुझे मत मारो।मेरे पेट मे तुम्हारा बच्चा है।अगर उसे कुछ हो गया तो मै कही की नही रहूंगी बडी मुश्किल से शादी के इतने सालों बाद मेरी कोख हरी हुई है।तुम सुबह से मुझे जानवरों की तरह पीट रहे हो।मेरे से क्या गुनाह हो गया है।"कनु बार बार सौरभ के आगे गिडगिडा रही थी।पर वह था कि सुनने को राजी ही नही था कनु की कोई बात ।पहले तो वह सोचती थी कि हो सकता है।सौरभ को बच्चो का शौक है और वह माँ नही बन सकती इसलिए वह सारा गुस्सा उसपर निकालता है।सास ने कई बार कहा,"बेटा अगर नही जन सकती बच्चा तो दूसरी ले आ।मेरे बेटे के लिए लड़कियों की कमी है।"पर पता नही क्यू सौरभ ने इस बात की कभी हामी नही भरी कि वह दूसरी शादी करे।यह सौरभ का नियम था कि वह जब तक कनु पर दिन मे एक बार हाथ न छोड़ ले तो उसे चैन नही मिलता था।पर अब तो उसके मन की मुराद पूरी हो रही थी ।घर मे नन्हा मेहमान आ रहा था या रही थी पर सौरभ का अब भी वही हाल था।कनु की एक पक्की सहेली थी उसे कुछ सूझता था।वह किसी के उपर अगर कोई भूत प्रेत बाधा होती थी तो वह बता देती थी कनु वैसे तो कभी अपने घर की बात बताती नही थी पर अब पेट मे पल रहे बच्चे पर बात आ गयी थी।उस दिन जब सौरभ ने उसे बुरी तरह से मारा तो वह सीधी अपनी सहेली के पास गयी।कनु बस रोयें जा रही थी।वह बोली पता नही क्या बात है ये मुझे बहुत मारते है।पहले मै सोचती थी शायद मुझे बच्चा नही होता इस लिए अपनी झुंझलाहट निकालते है पर अब तो मेरे पेट मे उनका बच्चा भी है तब भी बच्चे की परवाह किए बिना मुझे लगातार मारते रहते है।मुझे लगता है इनका कोई दुसरी औरत का चक्कर तो नही है।तभी कनु की सहेली को एकदम से झुरझुरी सी आयी।और उसने ध्यान लगाया ।थोड़ी देर बाद अचानक से घबराहट में आँखे खोल दी।वह बोली ,"कनु तुम सही कहती हो।है तो दूसरी औरत का चक्कर पर ये अब का नही सालों पुराना है।अब जो मै तुम को बताने जा रही हूँ वो दिल थाम कर सुनना ।तुम्हारे पति जब कालेज जाते थे तो अकसर एक बरगद के पेड़ के नीचे बैठते थे ।उसपर एक जवान लड़की की आत्मा रहती थी । वह सौरभ के पीछे है याद कर जब तुम्हारी शादी हुई थी तब सौरभ अचानक से बहुत बीमार हो गया था ।वह यही चाहती थी कि सौरभ की बीमारी की वजह सब तुम्हे समझे।और नरभाग समझ कर घर से निकाल दे।पर ऐसा ना हो सका।तब वह सौरभ के हाथ तुम्हे मरवाती रही।ताकि तुम उसे छोड़कर चली जाओ।सोतिया डाह है तुम से।वह तुम्हे सौरभ के साथ नही देख सकती।अब तो तुम उसके बच्चे की माँ बनने वाली हो वह यह तो कतई बर्दाश्त नहीं कर सकती ।इस लिए वह तुम्हे सौरभ के हाथ पिटवाती है।ताकि तुम और तुम्हारा बच्चा दोनों मर जाये।"कनु तो जैसे जड़वत हो गयी ।अब क्या करे उसे कुछ सूझ नही रहा था ।उसे ऐसे लग रहा था जैसे एक काला साया उसे और उस के बच्चे को लीलने के लिए मुँह फाडे खड़ा है ।........
Seema Priyadarshini sahay
08-Jul-2022 08:50 PM
Nice story 👍
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Shrishti pandey
08-Jul-2022 04:22 PM
Nice
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Gunjan Kamal
08-Jul-2022 12:34 AM
बहुत ही सुन्दर
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